नालंदा
नालंदा एक पवित्र स्थल है जहाँ पर बौद्ध अक्सर रहते थे| नालंदा दुनिया के सबसे पुराने रहनेवाले शहरों में से एक है | प्राचीन समय में बौद्ध विश्वविद्यालय नालंदा एशिया का सबसे प्रतिष्ठित अभी भी चिंतन और अध्यन एवं यहां के निर्मल और अनुशासित जीवन की एक ज्वलंत छाप देता है| नालंदा राजगीर से 14 कि0मी0 की दूरी पर स्थित है |
नालंदा भारत के पूर्वी राज्य बिहार में स्थित है | यह अपने प्राचीन अध्यन केन्द्र , महान नालंदा विश्वविद्यालय कई मठों और मंदिरों के अवशेष के लिए प्रसिद्ध है | भगवान बुद्ध और महावीर दोनों ने इस जगह का दौरा किया और यह एक प्रसिद्ध लर्निंग सेंटर 12 वीं सदी तक बना रहा | गुप्त, कृष्णा और हर्ष राजवंश इस केंद्र के मुख्य संरक्षक रहे जिन्होंने कई मठों और मंदिरों का निर्माण किया गया | प्रसिद्ध चीनी यात्री हुएँत्सान्ग यहाँ अध्ययन करने लाया और उनके दस्तावेज़ विश्वविद्यालय के बारे में विवरण प्रदान करते हैं |
महत्व - बिहार (भारत के पूर्व में स्थित)
राज्य - एक बौध स्थल, प्रसिद्ध प्राचीन समय का सबसे बड़ा और पुराना विश्वविद्यालय होने के कारण यात्रा का बेहतर समय- अक्टूबर से मार्च |
शहर के बारे में प्रमुख तथ्य
राज्य - बिहार (भारत के पूर्व में स्थित) महत्व - बिहार (भारत के पूर्व में स्थित)
राज्य - एक बौध स्थल, प्रसिद्ध प्राचीन समय का सबसे बड़ा और पुराना विश्वविद्यालय होने के कारण यात्रा का बेहतर समय- अक्टूबर से मार्च |
पर्यटन आकर्षण के स्थल
नालंदा विश्वविद्यालय - विश्वविद्यालय 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व में स्थापित किया गया था और दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालय में से एक था | विश्वविद्यालय के खंडहर 14 भूमि छेत्रा पर फाइलें हैं जिसमें समकालीन राजाओं द्वारा बनवाए ही अनेक मंदिर व मत हैं|
ग्रीधकूत पर्वत- भगवान बुध की पसंदीदा जगह थी जहाँ उन्होंने प्रबुद्धता प्राप्त करने के बाद कई प्रवचन दिए यहीं पर उन्होंने लोटस सूत्रा और प्रज्ञान परिमिता, दो महत्वपूर्ण सूत्रा दिया था|
नालंदा संग्रहाले- यह 1971 में स्थापित किया गया था और इसमें कई प्राचीन पांदूलीपियान और बौद्ध प्रतिमाएँ हैं|संग्रहाले में अन्या कई वस्तुएँ भी हैं जैसे-सिक्के, मौर्या और गुप्त अवधि के बर्तनों पर लिखे अभिलेख शामिल हैं|
सूर्या मंदिर- यह प्रसीध मंदिर सूर्या देवता को समर्पित है और इसमें कई हिंदू और बौद्ध ड्यूयी- देवताओं की प्रतिमाएँ हैं|
हुएन्थसंग स्मारक हॉल - प्रसीध चीनी यात्री जो 7 विन शताब्दी ईस्वी में भारत आए और नालंदा के दौर में 12 साल के लिए एक छात्रा और एक शिशाक़ के रूप में रुके थे और सामाजिक और राजनीतिक स्थितियों का अध्यन किया | यह मेमोरियल हॉल उनकी स्मिर्ती में बनाया गया |
नज़दीकी स्थल
राजगीर- यह भारत से सबसे महत्वपुर्णा बोध तीर्थ स्थलों में से एक है और नालंदा से सिर्फ़ 15 किलोमीटेर दूर है| इसके मंदिर और मत भारत भर से पर्यटकों को आकर्षित है|
कैसे पहुँचें
वायु - पटना निकटतम हवाई अड्डा लगभग 90 किलोमीटर दूर है| नियमित रूप से उड़ानें पटना शहर को प्रमुख भारटिए शहरों जैसे दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, आदि जो आगे प्रमुख अंतराष्ट्रिए गंतब्यो के लिए जुड़ें हुए हैं, के साथ जोड़ती है|
रोड- नालंदा पटना, गया, दिल्ली, कोलकाता, आदि से उत्क्रुस्त सड़क नेटवर्क के लिए जुड़ा हुआ है|
रेलवे- बकतियारपुर निकटतम रेलवे स्टेशन है जो नालंदा से 38 किलोमीटर दूर है | गया (68 किमी ) अन्या प्रमुख्या रेलवे स्टेशन है जो भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है|